Friday, October 10, 2008

I am NOT a poetic kindda guy, but this poetic verse is too good ...

आप से तुम, तुम से तू हो गए
जू कुर्बत बढती गयी, वोह बेतकल्लुफ से हो गए
था नकाब पलकों का, और हया का चिलमन
बेनाशीन आहिस्ता आहिस्ता बेपर्दा हो गए


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